ML VERMA TRIBAL RESEARCH AND TRAINING INSTITUTE माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर
सरकार ने प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की, आचार संहिता लगने से पहले भर्ती की तैयारी में विभाग
टीएडी को मिला कैडर, 58 साल उधार के कार्मिकों से काम, अब होगी भर्ती
प्रदेश में पिछले 58 साल से चल रहे क्षेत्रीय जनजाति विकास (टीएडी) विभाग को आखिर पहचान मिल ही गई। सरकार ने वित्तीय और प्रशासनिक दोनों तरह की स्वीकृति जारी करते हुए टीएडी को अपना नियुक्त करने की अनुमति दे दी। यानी अब तक उधार के कर्मचारियों के दम पर चल रहा टीएडी खुद के कर्मचारी भर्ती करेगा।
आदेश जारी होते ही विभाग ने भर्ती प्रक्रिया की तैयारियां भी शुरू कर दी है। विभाग का प्रयास है कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले ही भर्ती प्रक्रिया पूरी कर हो जाए, ताकि सरकार को इसका फायदा मिल सके। प्रदेश में 1964 में आदिवासी समाज के विकास के उद्देश्य से क्षेत्रीय जनजाति विकास विभाग की स्थापना हुई थी। तब कर्मचारियों की नियुक्ति प्रतिनियुक्ति पर की गई थी। इसके बाद कई सरकार आई और गई, लेकिन किसी ने भी विभाग का कैडर बनाने के बारे में नहीं सोचा। करीब पांच साल पहले इस मांग ने जोर पकड़ा और आदिवासी समाज के प्रमुख संगठनों से कई बार प्रदेश की कांग्रेस सरकार से मुलाकात की। उन्हें हर बार आश्वासन मिला और अब चुनावी वर्ष होने के चलते सरकार ने स्वीकृति भी जारी कर दी। इसके तहत पहले चरण में 470 कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। दूसरे चरण में मंत्रालयिक कर्मचारियों की भर्ती होगी।
आदिवासी बच्चों को शिक्षा और खेलों से जोड़ रहा
टीएडी ने शुरुआत में आदिवासी बालक और बालिकाओं के लिए होस्टल खोले। इसके बाद आवासीय विद्यालय बनाए। वर्तमान में खेल और अन्य आदिवासियों से जुड़ी गतिविधियों का संचालन कर रहा है। इसके अलावा निर्माण संबंधी अन्य गतिविधियां भी की जा रही हैं।
विभाग के हर साल 4.4 करोड़ रुपए बचेंगे
वर्तमान में विभाग ने 674 पद प्रतिनियुक्ति से भर रखे हैं, जो कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं, उन्हें प्रतिमाह वेतन के अलावा 5 हजार रुपए प्रतिनियुक्ति भत्ता देना होता है। इस तरह टीएडी को हर माह 33 लाख 70 हजार रुपए प्रतिनियुक्ति भत्ते के रूप में देना होते हैं। एक साल में यह राशि 4 करोड़ 4 लाख 40 हजार रुपए होती है
यह फायदे भी : अन्य विभाग से
कर्मचारी लेने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। अन्य विभागों से एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। स्वतंत्र रूप से नई गतिविधियां सृजित की जा सकेंगी।
कर्मचारी चयन आयोग को भेजा जाएगा प्रस्ताव
सरकार के स्तर पर टीएडी के कैडर के लिए वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति जारी हो चुकी है। जल्द ही प्रस्ताव बनाकर कर्मचारी चयन आयोग को भेजे जाएंगे। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएंगी -अंजलि राजोरिया, तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त, टीएडी, उदयपुर
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