Rajasthan High Court LDC Bharti 2023 | आरक्षित है कि विद्यार्थियों को मिली राहत | LDC Revised Result | High Court LDC Revised Result | OBC, SC, MBC,EWS वाले विद्यार्थियों को मिली राहत
कनिष्ठ न्यायिक सहायक भर्ती-2022 : आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को कंप्यूटर टेस्ट में शामिल करने के आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ न्यायिक सहायक भर्ती 2022 में सामान्य वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक लाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को राहत दी है। अदालत ने कहा है कि आरक्षित वर्ग के जिन याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों ने आयु सीमा और योग्यता में छूट कालाभ नहीं लिया है, उन्हें कंप्यूटर टेस्ट में शामिल किया जाए। एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश पंकज व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट प्रशासन ने कनिष्ठ न्यायिक सहायक के 1985 पदों के लिए वर्ष 2022 में भर्ती निकाली जिसकीलिखित परीक्षा गत 12 मार्च को हुई। वहीं एक मई को परिणाम जारी कर वर्ग वार कट ऑफ जारी कर दी।
जिसमें सामान्य वर्ग की कट ऑफ 196.34, ओबीसी वर्ग की 230.44, एससी वर्ग की कट ऑफ 202.43 और एमबीसी वर्ग की कट ऑफ 203.35 सहित आर्थिक पिछड़ा वर्ग की कट ऑफ 224.53 रखी गई। याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट प्रशासन ने सामान्य वर्ग से अधिक अंक और अपने वर्ग से कम कट ऑफ वाले अभ्यर्थियों को चयन से बाहर कर दिया।
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जबकि नियमानुसार ऐसे अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में शामिल किया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया कि इस भर्ती में लिखित परीक्षा और कंप्यूटर टेस्ट के अंक जोड़कर मेरिट बनेगी। ऐसे में यह स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं था इसलिए जहां लिखित परीक्षा के अंक जोड़कर मेरिट बनती है, उन भर्तियों में अधिक अंक लाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में शामिल किया जाता है।
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जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आयु सीमा और योग्यता में आरक्षित वर्ग का लाभ नहीं लेने वाले अभ्यर्थियों को कंप्यूटर टेस्ट में शामिल करने को कहा है
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हाईकोर्ट प्रशासन ने कहा : तत्काल सभी अभ्यर्थियों का कंप्यूटर टेस्ट कराना संभव नहीं।
सामान्य से अधिक अंक लाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का मामला
राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से आयोजित कनिष्ठ न्यायिक सहायक भर्ती परीक्षा, 2022 में सामान्य वर्ग से अधिक अंक लाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को कंप्यूटर परीक्षा में शामिल नहीं करने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट प्रशासन ने सीमित संसाधनों का हवाला दिया है। सामान्य से अधिक अंक लाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि अदालत ने समान मामले में अभ्यर्थियों को कंप्यूटर परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए हैं।
याचिकाकताओं के भी सामान्य वर्ग से अधिक अंक होने के कारण उन्हें भी इस परीक्षा में शामिल किया जाए। हाईकोर्ट प्रशासन ने एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ के समक्ष कहा कि अदालत ने अंतरिम आदेश के जरिए पहले ही ज्यादा अभ्यर्थियों को कंप्यूटर टेस्ट में शामिल करने का निर्देश दिए हैं। जबकि टेस्ट कराने के लिए सीमित कॉलेज व संसाधन हैं। टेस्ट में हर अभ्यर्थी के लिए कंप्यूटर की जरूरत होती है। ऐसे में तत्काल प्रार्थी अभ्यर्थियों के लिए कॉलेज सेंटर की व्यवस्था नहीं हो सकती।
वहीं प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता आरपी सैनी ने कहा कि अभी टेस्ट के लिए सेंटर उपलब्ध नहीं हैं तो 30 मई के बाद टेस्ट रखा जा सकता है। जिस पर हाईकोर्ट प्रशासन ने कहा कि जिन कॉलेजों में टेस्ट का सेंटर हैं, उनकी तीस मई के बाद की उपलब्धता को जानकारी नहीं है और कॉलेज प्रशासन की मंजूरी बिना वे टेस्ट का आश्वासन नहीं दे सकते।
यदि प्रार्थी अदालत के अंतिम निर्णय में सफल होते हैं तो वे बाद में उनका कंप्यूटर टेस्ट करवा लेंगे। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि समय पर कोर्ट आए अन्य अभ्यर्थियों को कंप्यूटर टेस्ट में शामिल करने की अनुमति दी है, लेकिन प्रार्थी टेस्ट होने के अंतिम दिनों में आए हैं। ऐसे में याचिका का निर्णय होने पर उनके टेस्ट लेने के संबंध में देखा जाएगा।